ऐसे लोग एक दूसरे का चाल-चरित्र-चेहरा सब जानते हैं

आज तोताराम ने अपना चाय का कप उठाते हए क ह । - मास्ट र , आज हम चाय पर चर्चा किसी 'थर्ड प्लेस' पर करेंगे। तोताराम के इस 'थर्ड प्लेस' ने हमारी चेतना को थर्ड क्लास से जोड़कर सक्रिय कर दिया हमने कहा- तोताराम, पहले रेल में थर्ड क्लास का डिब्बा होता था जिसे नाममात्र के लिए बदलकर सेकण्ड क्लास कर दिया गया। हालांकि उसमें बैठने वाले लोग थर्ड क्लास कभी नहीं होते थे बल्कि जनता के पैसे से फर्स्ट क्लास के डिब्बे में या एक्जीक्यूटिव क्लास में हवाई यात्रा करने वालों से बेहतर होते थे। अब भी हमारे हिसाब से सेकेण्ड क्लास बन चुके थर्ड क्लास में अपनी मेहनत के पैसे से यात्रा करने वाले लोग फर्स्ट क्लास ही होते हैं। जैसे कि अब भी कई लोग अपने देश के बहुत बड़े पद पर पहुंच जाते हैं लेकिन उनका थर्डक्लासपना नहीं जाताऐसे लोग एक दूसरे की औकात और चाल-चरित्र-चेहरा सब जानते हैं। इसलिए वे एक दूसरे को अपने यहां न बुलाकर किसी तीसरी जगह मिलते हैं जैसे कि किसी भ्रष्ट आदमी से डील करने के लिए दोनों ही पक्ष किसी होटल को चुनते हैं। दोनों ही ठग होते हैं इसलिए पता नहीं, तीसरी जगह मिलने की योजना प्रचारित करने वाले वास्तव में किसी चौथी जगह मिलते हों और तीसरी जगह उनके डुप्लीकेट मिलते हों बोला- कहीं तू ट्रंप और किम के हनोई में मिलने की तरफ तो इशारा नहीं कर रहा?हम दोनों बातें करते हुए 'थर्ड प्लेस' की तरफ चलते-चलते मंडी के खाली पड़े प्लाट की दीवार के पास पहुंच गए थे जहां दिन भर जनसेवा जैसे धरना-जुलूस, स्वाभिमान-रैली या दूसरे का चाल-चरित्र-कोई केंडल मार्च करने के बाद थके-थकाए युवा घर जाने से पहले फ्रेश होने के लिए नमकीन के साथ सरकारी रेवेन्यूवधिनी और जनचेतना-संचारिणी, सौ दवाओं से भी अधिक कारगर पदार्थ का सेवन करते हैं या बिना किसी चिंतन-शिविर के अपनी लघु-दीर्घ शंकाओं का समाधान करते हैं ।पता नहीं, यह सज्जनों के सद्गुणों के चिंतन का प्रभाव था या स्थान का असर लेकिन हमें कुछ सुरूर-सा अनुभव होने लगा। तोताराम ने हमसे पूछा- मास्टर, मुझे ऐसा क्यों लगता है कि तू असली मास्टर न होकर मास्टर का डुप्लीकेट है।हमने कहा- तोताराम, हो सकता है क्योंकि हम तो ट्रम्प और किम की तरह सामान्य आदमी हैं इसलिए हमारा डुप्लीकेट होना संभव है लेकिन तू अवश्य असली है क्योंकि तेरे जैसा मिनिमम वजन में मेक्सिमम इंटेलिजेंट बात करने वाला पीस बना सकना भगवान के लिए भी संभव नहीं है। यह एक पता नहीं कैसे संयोग से बन गया ।तोताराम बोला- मास्टर, मुझे लगता है कि ट्रंप और किम की आड़ में तू मुझे बना रहा है। इसलिए मैं ट्रंप और किम की तरह यह वार्ता, फिर किसी 'फोर्थ प्लेस' पर करने के लिए सकारात्मक भविष्य की आशा के साथ, समाप्त करता हूं। चेहरा सब जानते हैं


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राधा माधव मंदिर के संस्थापक ने भूखे लोगो को खाना दिया दिया कानपुर।जारोली फेस 1 राधा माधव मंदिर के द्वारा भूखे लोगो को खाना खिलाया गया।कॅरोना की वजह से पूरे भारत में लॉक डाउन की हो जाने से गरीबो की मुसीबत बड़ गई है ।लोगो को खाना तक नही मिल पा रहा है ।मंदिर के संस्थापक सनी सेंगर ने कई दिनों से भूखे लोगों को खाना खिला ने का जिम्मा उठा रखा है।सनी सेंगर का कहना है कि जब तक लॉक डाऊन खत्म नही होता तबतक लोगो को खाना मोहैया कराया जायेगा।इस मोहिम में अतुल सेंगर ,सुनील गुप्ता ,मोंटू शर्मा,घंटु सेंगर,आदि लोगो ने संयोग दिया।
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